सर्वनाम किसे कहते हैं, भेद और उदाहरण समझें सरल शब्दों में (Srwanam Kise Kahate Hain)

सर्वनाम भाषा के एक महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जो व्यक्ति, स्थान, या वस्तु की जगह पर प्रयोग होते हैं। इन शब्दों का प्रयोग वाक्य में समझाने में सहायक होता है और संवेदनशीलता को बढ़ाता है।

व्यक्तिवाचक, स्थानवाचक, इशारों वाले, सम्बंधवाचक, संख्यावाचक, और स्वरूपवाचक सर्वनाम विभिन्न प्रकार के सर्वनाम हैं, जो भाषा को और भी समृद्ध और संवेदनशील बनाते हैं।

इन सर्वनामों का सही प्रयोग करके हम अपने वाक्यों को साफ़, सरल, और प्रभावी बना सकते हैं, जिससे हमारी बातें अधिक समझने में आसान होती हैं। इस तरह, सर्वनाम भाषा के एक महत्वपूर्ण अंग हैं जो हमें संवेदनशीलता और सुगमता का अनुभव कराते हैं।

सर्वनाम किसे कहते हैं ?

सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, या वस्तु की जगह पर प्रयोग होते हैं। इनका प्रयोग उस व्यक्ति, स्थान, या वस्तु के नाम की जगह किया जाता है।

सर्वनाम भाषा की एक विशेष श्रेणी है जो व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि की जगह पर प्रयोग होती है। यह शब्द उसी संदर्भ में प्रयोग होते हैं जिसमें उनका संदर्भ होता है। ये शब्द सामान्यत: उस व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि के संदर्भ में पूरे वाक्य को दोहराने से बचाने के लिए प्रयुक्त होते हैं।

उदाहरण के रूप में

  • “वह” एक सर्वनाम है जो किसी व्यक्ति के लिए प्रयोग होता है, जैसे “वह बच्चा खेल रहा है।”
  • “यह” भी एक सर्वनाम है जो किसी व्यक्ति, स्थान, या वस्तु की जगह पर प्रयोग होता है, जैसे “यह किताब मेरी है।”
  • “मेरा” भी सर्वनाम है, जो किसी व्यक्ति के स्वामित्व को दर्शाता है, जैसे “यह मेरा पेन है।”
  • इस तरह, सर्वनाम वाक्य में निरंतर पुनरावृत्ति को रोकते हैं और उसे सरलता और सुव्यवस्थित बनाते हैं।

“वह” – “वह लड़का बहुत अच्छा है।”
“यह” – “यह बातें मुझे पसंद नहीं हैं।”
“वे” – “वे लोग बहुत उदार हैं।”
“मेरा” – “मेरा पेन कहाँ है?”

इस तरह, सर्वनाम वाक्य को सरल और संक्षेपित बनाते हैं और उन्हें पढ़ने और समझने में आसानी प्रदान करते हैं।

सर्वनाम के प्रकार

सर्वनाम कई प्रकार के होते हैं, जो भाषा में विविधता को बढ़ाते हैं। निम्नलिखित सभी प्रकार के सर्वनाम विवरण सहित हैं:

1. व्यक्तिवाचक (पुरुषवाचक) सर्वनाम
2. स्थानवाचक सर्वनाम
3. प्रश्नवाचक सर्वनाम
4. सम्बंधवाचक सर्वनाम
5. संख्यावाचक (अनिश्चयवाचक ) सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम

1. व्यक्तिवाचक (पुरुषवाचक) सर्वनाम:

व्यक्तिवाचक सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो किसी व्यक्ति की पहचान, स्थिति, या गुण को संदर्भित करते हैं। इन सर्वनामों का प्रयोग व्यक्ति के नाम की जगह पर होता है, जैसे “वह”, “यह”, “वे”। व्यक्तिवाचक सर्वनाम से वाक्य को संक्षेपित और स्पष्ट बनाया जाता है, और बातचीत में सरलता और सुव्यवस्थितता लाता है। इस प्रकार के सर्वनाम से व्यक्ति की पहचान और संदर्भ को समझाने में मदद मिलती है।

उदाहरण के रूप में, “वह लड़का बहुत अच्छा है।”, “यह लाल कमीज़ मेरे दोस्त की है।”

2. स्थानवाचक सर्वनाम:

स्थानवाचक सर्वनाम वह शब्द होते हैं जो किसी स्थान की पहचान करते हैं या स्थान के संदर्भ में प्रयोग होते हैं। इन सर्वनामों का उपयोग किसी जगह को संदर्भित करने के लिए होता है, जैसे “यहाँ“, “वहाँ“, “वहां”। ये सर्वनाम बताते हैं कि किसी व्यक्ति या वस्तु का स्थान कहाँ है या किसी कार्रवाई को किस स्थान पर करने के लिए इशारा करते हैं। इस प्रकार, स्थानवाचक सर्वनाम हमें स्थान की स्पष्टता प्रदान करते हैं।

उदाहरण के रूप में, “यहाँ बैठो।”, “वहाँ चलो।”

3. प्रश्नवाचक सर्वनाम:

प्रश्नवाचक सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो प्रश्न के संदर्भ में प्रयोग होते हैं। ये सर्वनाम हमें किसी जानकारी या जानकारी के संदर्भ में सवाल पूछने के लिए सहायक होते हैं। उदाहरण के रूप में, “कौन”, “क्या”, “कहाँ”। इन सर्वनामों का प्रयोग करके हम वाक्य में प्रश्न उत्पन्न करते हैं और जानकारी का अभ्यास करते हैं। इस तरह, प्रश्नवाचक सर्वनाम हमें संवाद में सकारात्मक भागीदार बनाते हैं।

उदाहरण के रूप में, “इसका क्या नाम है?”, “तुम कौन हो ।”

4. सम्बंधवाचक सर्वनाम:

सम्बंधवाचक सर्वनाम उस संदर्भ में प्रयोग होते हैं जहां किसी व्यक्ति या वस्तु के संबंध को स्पष्ट करने की आवश्यकता होती है। इन सर्वनामों का प्रयोग संबंध की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए होता है, जैसे “मेरा”, “तेरा”, “उसका“। उन्हें उस व्यक्ति या वस्तु के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है और उसके संबंध को दर्शाते हैं। इस प्रकार, सम्बंधवाचक सर्वनाम से वाक्य में संबंध को स्पष्ट करने में मदद मिलती है।

उदाहरण के रूप में, “मेरा बेटा खुश है।”, “उसकी किताब खो गई।”

5. संख्यावाचक (अनिश्चयवाचक ) सर्वनाम:

संख्यावाचक सर्वनाम भाषा में विभिन्न संख्याओं को संदर्भित करते हैं। ये सर्वनाम संख्या की अभिव्यक्ति के लिए प्रयोग होते हैं, जैसे “कुछ”, “कोई”, “सभी”। उन्हें अधिकता, अभाव, या अव्यवस्था का संदेश देने के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के रूप में, “कुछ लोग यहाँ हैं।”, “कोई वस्तु मिली है।” ये सर्वनाम वाक्य को संक्षेपित और सार्थक बनाते हैं, जिससे सुनने वाले को संदेश को समझने में आसानी होती है।

उदाहरण के रूप में, “कुछ लोग यहाँ हैं।”, “कोई वस्तु मिली है।”

6. निजवाचक सर्वनाम:

निजवाचक सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो किसी वस्तु के स्वरूप या गुण को संदर्भित करते हैं। इन सर्वनामों का प्रयोग किसी वस्तु के प्रकार, रूप, या विशेषता को बताने के लिए होता है। उदाहरण के रूप में, “ऐसा”, “वैसा”, “इस तरह”। ये सर्वनाम व्यक्ति को उस वस्तु के रूप या स्वभाव के बारे में स्पष्टता प्रदान करते हैं, जिससे वाक्य का अर्थ स्पष्ट होता है।

उदाहरण के रूप में, “ऐसा तो कभी नहीं हो सकता।”, “वैसा ही करो।”

इस तरह, सर्वनाम के विभिन्न प्रकारों के माध्यम से भाषा में सुगमता और संवेदनशीलता को बढ़ाया जाता है।

FAQs | सर्वनाम किसे कहते हैं

सर्वनाम क्या हैं?

सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो व्यक्ति, स्थान, या वस्तु की जगह पर प्रयोग होते हैं। ये शब्द उस संदर्भ में प्रयोग होते हैं जिसमें उनका संदर्भ होता है।

हिंदी में कितने सर्वनाम है?

हिंदी में लगभग 13 सर्वनाम होते हैं।

सर्वनाम के कितने भेद हैं?

सर्वनाम के 6 प्रमुख भेद होते हैं: व्यक्तिवाचक, स्थानवाचक, इशारों वाले, सम्बंधवाचक, संख्यावाचक, और स्वरूपवाचक।

पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जो सर्वनाम किसी पुरुष की ओर संदर्भित करते हैं, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे, “वह”, “वे”, “मैं”।

निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जो सर्वनाम किसी निश्चित वस्तु के संदर्भ में प्रयोग होते हैं, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे, “यह”, “वह”, “वे”।

निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जो सर्वनाम व्यक्ति के आपत्तिजनक स्वरूप को संदर्भित करते हैं, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे, “मैं”, “हम”, “अपना”।

व्यक्तिगत सर्वनाम क्या हैं?

जो सर्वनाम किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत संदर्भ में प्रयोग होते हैं, उन्हें व्यक्तिगत सर्वनाम कहते हैं। जैसे, “मेरा”, “तुम्हारा”, “उसका”।

मैं मंदिर जा रहा हूँ कौन सा शब्द सर्वनाम है?

वाक्य में “मैं” शब्द सर्वनाम है, जो व्यक्ति के स्वरूप को संदर्भित करता है।

निश्चयवाचक और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर और समानता है:

अंतर:

  • निश्चयवाचक सर्वनाम वहाँ किसी निश्चित वस्तु के संदर्भ में प्रयोग होते हैं, जैसे “यह”, “वह”, “वे”।
  • पुरुषवाचक सर्वनाम किसी निश्चित व्यक्ति के संदर्भ में प्रयोग होते हैं, जैसे “मैं”, “तू”, “वह”।
  • अधिकांश निश्चयवाचक सर्वनाम न किसी व्यक्ति को सीधे संदर्भित करते हैं न ही किसी निश्चित व्यक्ति के बारे में बताते हैं, जबकि पुरुषवाचक सर्वनाम व्यक्ति के संदर्भ में प्रयोग होते हैं।

समानता:

  • दोनों ही सर्वनाम वाक्य में व्यक्ति या वस्तु के संदर्भ में प्रयोग होते हैं।
  • दोनों ही तरह के सर्वनाम वाक्य की सुव्यवस्था में मदद करते हैं और उसे संवेदनशील बनाते हैं।
  • दोनों तरह के सर्वनाम व्यक्ति या वस्तु के संदर्भ में प्रयोग होते हैं और उसके बारे में बताते हैं, लेकिन उनका प्रयोग किसी निश्चित व्यक्ति के संदर्भ में और किसी निश्चित समय में नहीं होता।

निष्कर्ष 

निश्चर्ष इस लेख से यह साफ़ होता है कि सर्वनाम भाषा के एक महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यह शब्द व्यक्ति, स्थान, या वस्तु के संदर्भ में प्रयोग होते हैं और वाक्य को संवेदनशील और सुगम बनाते हैं। लेख में सर्वनाम के प्रकारों का विवरण दिया गया है, जैसे कि व्यक्तिवाचक, स्थानवाचक, इशारों वाले, सम्बंधवाचक, संख्यावाचक, और स्वरूपवाचक सर्वनाम। यह व्यक्तिगत और सामान्य वाक्यों को सुव्यवस्थित बनाने में मदद करते हैं। 

इस लेख द्वारा हमें सर्वनाम के विभिन्न प्रयोगों का भी ज्ञान मिलता है, जो हमें भाषा के अध्ययन और संवाद में मदद कर सकते हैं।

और भी जानिए: Karak Kise Kahate Hain कारक किसे कहते है |

Leave a Comment