ज्योतिष विद्या सीखने के लिए हम एक कोर्स जारी कर रहे है। जो ज्योतिष विद्या सीखने में रूचि रखते है वह यहाँ से सीखना शुरू कर सकते है हम इस कोर्स में क्या – क्या सिखाने वाले है वह आप नीचे देख पा रहे होंगे :
ज्योतिष विद्या क्या है : ज्योतिष विद्या एक ऐसा विज्ञान है जो मानव के जीवन में होने वाले घटना और दुर्घटना को पहले ही पता लगाया जा सकता है। ज्योतिष विद्या की मदद से हम किसी का भविष्य जान सकते है।
अस्ट्रॉलजी का मतलब : अस्ट्रॉलजी का मतलब “ज्योतिष” होता है। जो ज्योतिष शास्त्र जानते है उन्हें Astrologer कहते है।
ज्योतिष का महत्व : मानव जीवन में ज्योतिष का महत्व ज्यादा इसलिए है क्युकी यह जीवन का एक रक्षक माना जाता है। यह आगे होने वाली घटना को पहले बता देते है, जिससे कुछ बुरा होने से रोका जा सकता है। हिन्दू धर्म में तो इसे सबसे ज्यादा मान्यता दी जाती है क्युकी यह “भारतीय रचना” है।
राशियों का महत्व : जो ज्योतिष होते है, वह मानव की राशि से ही उनके ग्रह, देख पाते है इसके लिए उन्हें जन्म तिथि की भी आश्यकता होती है। राशियों से व्यक्ति का प्रेम सम्बन्ध उनके रिश्ते और जात का पता लगाया जाता है।
ज़ोडिकसाइन : ज़ोडिक साइन ‘ज्योतिषीय संकेत’ होते है,ज्योतिषीय संकेत वैसे 12 राशि का रूप है। सभी राशि में अलग अलग ग्रह, नछत्र होते है। उनकी ताकत और शक्ति का अलग अलग प्रभाव ग्रह के अनुसार काम करते है और उनका प्रभाव भी मानव जीवन पर दिखाई देता है।
> 12 राशियों के नाम हिंदी में :
अग्नि – मेष, सिंह, धनु राशि
पृथ्वी – वृष, कन्या, मकर राशि
वायु – मिथुन, तुला, कुंभ राशि
जल – कर्क, वृश्चिक, मीन राशि
> 12 राशियोंकेचिन्ह :
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
> 9 ग्रहोकेनामहिंदीमें :
1) बुध
(2) शुक्र
(3) पृथ्वी
(4) मंगल
(5) गुरु
(6) शनि
(7) वारुणी
(8) वरुण
(9) यम
> 9 ग्रहोकेचिन्ह :
1 2 3 4 5 6 7 8 9
> नवग्रहोंकेबीजमंत्रकीविधि :
> सूर्य बीज मंत्र
> चंद्र बीज मंत्र
> मंगल बीज मंत्र
> बुध बीज मंत्र
> गुरु बीज मंत्र
> शुक्र बीज मंत्र
> शनि बीज मंत्र
> राहु बीज मंत्र
> केतु बीज मंत्र
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> ज्योतिष विद्यापीठ
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> जन्म कुण्डली
> जन्म राशि
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> वर्ग कुंडलियाँ
> विवाह संबंधी ।
> प्रेम संबंध, प्रेम सम्बन्धों की सफलता या असफलता योग
> चरित्र के योग उदाहरण कुंडलियों के साथ
> संतान संबन्धित सभी प्रश्नों के योग उदाहरण कुंडलियों के सहित
> पढ़ाई से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> काम से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> मेडिकल एस्ट्रोलॉजी से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> एक्सीडेंट से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> विदेश से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> कोर्ट केस से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> लोन से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> पंचांग और मुहूर्त ।
> आयु से संबन्धित सभी योग उदाहरण कुंडलियों के साथ ।
> केमद्रुम योग का प्रभाव
> कुंडली में सरस्वती योग
> गजकेसरी योग का निर्माण
> महाभाग्य योग
> शुभ कर्तरी योग
> पाप कर्तरी
> योग कारक और मारक ग्रह
> पंच महांपुरुष योग
> विष योग
> केमद्रुम योग
> प्रश्न ज्योतिष ।
> उपाय ।
Conclusion : ज्योतिष शास्त्र सीखना कोई आम विद्या नहीं है यह किसी मानव की जिंदगी पर आने वाली कठनाई को पहले ही जाना जा सकता है और समाधान के लिए कदम उठाये जा सकते है।
> Frequently Asked Questions :
#1.एस्ट्रोलॉजी का मतलब क्या होता है?
Ans : अस्ट्रॉलजी (Astrology) का हिन्दी में मतलब ‘ज्योतिष’ होता है।
#2. एस्ट्रोलॉजी के अध्ययन में क्या है ?
Ans : एस्ट्रोलॉजी के अध्ययन में किसी मनुष्य के तारो को देखा जाता है।
#3. क्या विज्ञान ज्योतिष को मानता है?
Ans : विज्ञान ज्योतिष को नहीं मानता, लेकिन वेद भगवान ज्योतिष के बिना नहीं चलते।
#4. एक्स्ट्रा मतलब क्या होता है?
Ans : अधिक, अतिरिक्त, फालतू।
#5. ज्योतिष को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
Ans : Astrologer.
#6 .भारतीय ज्योतिष शास्त्र के कितने अंग है?
Ans : पाँच अंग – तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण।
#7. ज्योतिष की उत्पत्ति कैसे हुई?
Ans : पुरातन समय से ही ज्योतिष को माना जाता है, इसकी उत्पत्ति वेदों से हुई है।
#8. भारतीय ज्योतिष शास्त्र के रचयिता कौन है?
Ans : भारतीय धर्म।
#9. क्या ज्योतिष अंधविश्वास है?
Ans : ज्योतिष एक विज्ञान है। जो विज्ञान नहीं समझ पाते वह इसे अंधविश्वास कहते है।
#10. ज्योतिष कितने प्रकार के होते है?
Ans : चार – नवजात ज्योतिष, कतार्चिक ज्योतिष, प्रतिघंटा या प्रश्न कुंडली और विश्व ज्योतिष विद्या।
#11. पंचांग कैसे बनाया जाता है?
Ans : पंचांग सूर्यचंद्र की आकाशीय स्थिति के अनुसार बनाए जाते हैं।
#12. एग्रो एस्ट्रोलॉजी में किसका दिन किया जाता है?
Ans : फसलों का।
#13. ज्योतिष को संस्कृत में क्या कहते हैं?
Ans : पुनर्वसु से मृगशिरा।
#14. हिस्टोलॉजी में किसका अध्ययन होता है?
Ans : हिस्टोलॉजी में सेलुलर संगठन के साथ ऊतक की संरचना और कार्य का अध्ययन शामिल है।
#15. एक्स्ट्रा की स्पेलिंग क्या होती है?
Ans : EXTRA .
#16. पंचांग के पांच अंग कौन से हैं?
Ans : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण।
#17. नक्षत्रों का अध्ययन कहाँ होता है?
Ans : अथर्ववेद, तैत्तिरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण में।
#18. भारत में कौन सा संवत चलता है?
Ans : शक संवत।
#19. ज्योतिष गणना कैसे की जाती है?
Ans : ज्योतिष गणना व्यक्ति का शुभ अंक, उस व्यक्ति के जन्मतिथि के अनुसार लगाया जाता है।
#20. कुंडली में कितने ग्रह होते हैं?
Ans : नौ ग्रह होते है।