जब संज्ञा के स्थान पर किसी शब्द का प्रयोग किया जाए तो उस शब्द को सर्वनाम कहते हैं आइए पहले जानते हैं की संज्ञा किसे कहते हैं –
संज्ञा की परिभाषा – जिन शब्दों से किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध किया जाए उसे संज्ञा कहते हैं।
और जब इन संज्ञा शब्दों के स्थान पर अन्य शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो उसे सर्वनाम कहते हैं। सरल शब्दों में कहें तो सब संज्ञाओं के बदले जो शब्द प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।
दूसरे शब्दों में – वह विकारी शब्द जो पूर्वापरसंबंध से किसी भी संज्ञा के बदले आ जाए उसे सर्वनाम कहते हैं।
सर्वनाम शब्द का अर्थ है सबके लिए नाम। सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है जैसे –
निधि आठवीं कक्षा में पढ़ती है। वह पढ़ाई में बहुत अच्छी है और, उसके सभी मित्र उसके साथ रहते हैं, वह कभी भी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करती और, वह अपने बड़ों का आदर करती है।
ऊपर लिखित अनुच्छेद में आपने जाना की निधि के स्थान पर कई बार वह, उसके, उससे, अपने, उसने, आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है और इन्हीं शब्दों को सर्वनाम कहते हैं और इस प्रकार से संज्ञा के स्थान पर आने वाले शब्दों को सर्वनाम का नाम दिया जाता है।
निम्नलिखित सभी शब्द सर्वनाम शब्द है – मैं, तू, वह, आप, कोई, यह, ये, वे, हम, तुम, कुछ, कौन, क्या, जो, सो, उसका, उनका,कुछ आदि सर्वनाम शब्द हैं।
जब शब्द लिंग, वचन, और कार्य की दृष्टि से अपना रूप बदल ले तो वह सर्वनाम शब्द होते हैं, जैसे –
राकेश गाता है, राकेश नाचता भी अच्छा है, राकेश गरीब लोगों की सहायता करता है, राकेश का मन पढाई में अच्छा लगा रहता है।
ऊपर लिखित वाक्य में सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कुछ इस तरह से किया जाएगा –
राकेश गाता है, वह नाचता भी अच्छा है, वह गरीब लोगों की सहायता करता है, उसका मन पढाई में अच्छा लगा रहता है।
आप- अपना, यह- इस, इसका, वह- उस, उसका। (यह सब सर्वनाम शब्द है)
संज्ञा की अपेक्षा सर्वनाम की मुख्य विशेषता यह है कि जहां संज्ञा से उसी वस्तु का बोध किया जाता है, जिसका वह (संज्ञा) नाम है, वही सर्वनाम से पूर्वापरसंबंध के अनुसार ही वस्तु का बोध होता है, जैसे –
राकेश कहने से केवल लड़के का बोध होता है, घर, सड़क, गाड़ी, आदि चीजों का बोध नहीं होता किंतु, ‘वह’ शब्द का प्रयोग करने पर किसी वस्तु का बोध होता है, वह लड़का भी हो सकता है, घर भी हो सकती है, सड़क भी हो सकती है, गाड़ी भी हो सकती है।
सर्वनाम के प्रकार
सर्वनाम के छ: प्रकार के होते है-
(1) पुरुषवाचक सर्वनाम (personal pronoun)
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम (demonstrative pronoun)
(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite pronoun)
(4) संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
(6) निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
(1) पुरुषवाचक सर्वनाम – जब सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से किसी व्यक्ति का बोध हो तो उन शब्दों को पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में – बोलने वाले व्यक्ति, सुनने वाले व्यक्ति तथा जिस विषय पर वह चर्चा कर रहे हैं, उन सब के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्दों (सर्वनाम) को पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता है।
जैसा कि “पुरुषवाचक सर्वनाम” के नाम से ही पता चलता है कि, इसका प्रयोग स्त्री या पुरुष के नाम के बदले किया जाता है, जैसे – मैं जाता हूं, तुम आते हो, वह पढ़ता है, उपयुक्त वाक्यों में मैं, तुम, वह, पुरुषवाचक सर्वनाम के कुछ उदाहरण है।
पुरुषवाचक सर्वनाम के प्रकार
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते है-
(i) उत्तम पुरुष
(ii) मध्यम पुरुष
(iii) अन्य पुरुष
(i) उत्तम पुरुष – जब बोलने वाला व्यक्ति सर्वनाम का प्रयोग स्वयं के लिए करता है तो वह उत्तम पुरुष कहलाते हैं जैसे मैं, हमारा, मुझको, हमारी, हम, मेरा, मुझे, मैंने, मेरे आदि।
उत्तम पुरुष के कुछ उदहारण –
मैं कॉलेज चला गया।
मेरे पूरे गांव ने मतदान किया।
यह लैपटॉप मैंने ऑन किया है।
हमारे कॉलेज के प्रोफेसर बहुत अच्छे हैं।
मैंने उसे नहीं मारा।
(ii) मध्यम पुरुष – जब सर्वनाम का प्रयोग सुनने वाले व्यक्ति के लिए किया जाए तो उसे मध्यम पुरुष का नाम दिया जाता है, जैसे – तुम्हें, आप, तुम, आपने, तुमने, तुम्हारे, तुमको, तुमसे, आदि।
मध्यम पुरुष के उदाहरण के लिए –
क्या तुम स्कूल जाते हो।
तुम्हारे सोने का समय क्या है।
तेरा भाई क्या काम करता है।
आपका शुभ नाम क्या है।
तुमको पता नहीं चला।
आपसे कुछ जरूरी काम है।
(iii) अन्य पुरुष – जब सर्वनाम शब्दों का प्रयोग अन्य व्यक्तियों के लिए किया जाता है तो उसे अन्य पुरुष कहते हैं, जैसे – वे, वह, इनका, उन्हें, इसे, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे, आदि।
अन्य पुरुष के उदाहरण के लिए –
वे ऊपर गया।
उन्होंने सब को डांटा।
वह कल खेले नहीं आया था।
उसे बात करने की तमीज नहीं है।
इसे कुछ मत कहना।
उन्हें रोको जाने मत दो।
इनको समझाइए कि, आप घर जाइए।
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम – जब सर्वनाम के किसी शब्द से हमें किसी बात या वस्तु का निश्चित रूप से बोध हो जाए तो वह निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाता है। जैसे यह, वह, ये, वे,आदि।
उदाहरण के लिए –
पास की वस्तु के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द “यह” और दूर की वस्तु के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द “वह”
यह किताब किसकी है।
वह पुस्तक तुमने कब खरीदी।
(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जब सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना का बोध नहीं होता तो उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – कोई, किसी, कुछ, आदि
उदहारण के लिए –
वह आपके बारे में कुछ कह रहा था।
कोई आपसे मिलना चाहता है।
किसी ने उसे पुस्तक उपहार में दी।
(4) संबंधवाचक सर्वनाम – जब एक सर्वनाम शब्द का संबंध दूसरे सर्वनाम शब्द से ज्ञात हो तथा जो शब्द दो वाक्यों को एक साथ जोड़े, वह संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे – जो, जिसने, जिसकी, जैसा, वैसा, आदि।
उदहारण के लिए –
उसने कुछ नहीं किया।
जैसा दोगे वैसा पाओगे।
जो मेहनत द्वारा काम करते हैं, वे जल्दी सफल होते हैं।
(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम – जब सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी प्रश्न को पूछने के लिए किया जाता है, तो वह प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे – कौन, क्या, किसने, आदि।
उदाहरण के लिए –
तुम्हें मेरे बारे में कौन पूछ रहा था।
उसने क्या कहा।
तुमको पुस्तक किसने दी।
(6) निजवाचक सर्वनाम – जब सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के द्वारा अपनेपन का ज्ञान करवाने के लिए किया जाता है, तो वह निजवाचक सर्वनाम कहलाता है। जैसे अपने आप, निजी, खुद, आदि