सन्देह अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण

Hindi Grammar

संदेह अलंकार अर्थालंकार के अंतर्गत आता है, सन्देह का अर्थ होता है किसी बात का निश्चित ना होना अर्थात जब उपमेय एवं उपमान में निश्चय न सके। इस लेख में आप सन्देह अलंकार की परिभाषा तथा संदेह अलंकार के उदाहरण के बारे में पढ़ेंगे।

सन्देह अलंकार की परिभाषा

ऐसा अलंकार जिसमे उपमेय एवं उपमान में समानता को देखकर यह निश्चय न किया जा सके कि वास्तव में उपमेय कौन है तथा उपमान कौन, वास्तव में उपमान उपमेय है अथवा नहीं। जहाँ पर यह दुविधा होती है वहाँ पर सन्देह अलंकार होता है।

साधारण भाषा में कहे तो जहाँ पर किसी वस्तु अथवा व्यक्ति को देखकर शंशय हो और निश्चय न किया जा सके वह सन्देह अलंकार होता है।

सन्देह अलंकार के उदाहरण

सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।

सारी ही कि नारी है कि नारी ही कि सारी है।।

ऊपर दिये गए वाक्य में यह स्पष्ट करना मुश्किल हो रहा है कि सारी के बीच मे नारी है अथवा नारी के बीच मे सारी है, इसमे सन्देह का भाव उत्पन्न हो रहा है अर्थात यह सन्देह अलंकार का उदाहरण है।

यह काया है या शेष उसी की छाया,

क्षण भर उनकी कुछ नहीं समझ में आया।

इस लेख में हमने आपको दृष्टान्त अलंकार के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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